योगेंद्र यादव / जब बिहार एसआईआर को लेकर खुलकर सामने आए चुनाव आयोग के झूठ

योगेंद्र यादव / जब बिहार एसआईआर को लेकर खुलकर सामने आए चुनाव आयोग के झूठ

अगर अंदाज ए बयां को छोड़ भी दें, तो भी उस संवाददाता सम्मेलन में जो हुआ, वह अजूबा था। बेशक, पत्रकार अपने सवाल पूछने के लिए स्वतंत्र थे, लेकिन मुख्य चुनाव आयोग भी किसी भी सवाल का जवाब देने या न देने के लिए स्वतंत्र थे। किसी सवाल के जवाब में कुछ भी प्रासंगिक-अप्रासंगिक बोलने…

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विष्णु नागर का व्यंग्यः वोट चोर ऐसा-वैसा चोर नहीं, सबकुछ छोड़ सकता है, पर गद्दी नहीं!

विष्णु नागर का व्यंग्यः वोट चोर ऐसा-वैसा चोर नहीं, सबकुछ छोड़ सकता है, पर गद्दी नहीं!

अच्छा चलो, ‘मैं जूते पहनना छोड़ दूंगा। चप्पल पहनने लगूंगा। अब तो खुश। अब तो नहीं कहोगे, वोट चोर….’ उन्होंने कहा, तू जूते पहन या चप्पल पहन या चाहे नंगे पांव रह। ‘वोट चोर, गद्दी छोड़।’ उसने कहा, अच्छा चलो, बंडी पहनना छोड़ सकता हूं। उससे भी जब बात नहीं बनी तो उसने कुर्ता उतारने का प्रस्ताव दिया। फिर…

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विष्णु नागर का व्यंग्यः राहुल गांधी ने डाकू को चोर बताकर जुल्म किया, डाकू भी खुश नहीं हैं और चोर भी!

विष्णु नागर का व्यंग्यः राहुल गांधी ने डाकू को चोर बताकर जुल्म किया, डाकू भी खुश नहीं हैं और चोर भी!

सत्ता के लिए जो भी घपले-घोटाले इन्हें और करने होंगे, ये बेशर्मी से करेंगे। जैसे-जैसे इनके रहस्य खुलते जाएंगे, वैसे-वैसे ये और बेशर्म होते जाएंगे। ये शर्माने वाले, झिझकने वाले जीव नहीं हैं। इन्होंने संपूर्ण सत्ता के लिए लगभग 90 साल इंतजार किया है। इनके लिए जनता, चुनाव और लोकतंत्र एक बहाना है। सत्ता ही इनके लिए सत्यम, शिवम और सुंदरम है।…

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