
योगेंद्र यादव / जब बिहार एसआईआर को लेकर खुलकर सामने आए चुनाव आयोग के झूठ
अगर अंदाज ए बयां को छोड़ भी दें, तो भी उस संवाददाता सम्मेलन में जो हुआ, वह अजूबा था। बेशक, पत्रकार अपने सवाल पूछने के लिए स्वतंत्र थे, लेकिन मुख्य चुनाव आयोग भी किसी भी सवाल का जवाब देने या न देने के लिए स्वतंत्र थे। किसी सवाल के जवाब में कुछ भी प्रासंगिक-अप्रासंगिक बोलने…