Parliament Monsoon Session 2025: लोकसभा में आयकर विधेयक 2025 पर रिपोर्ट होगी पेश

Parliament Monsoon Session 2025: लोकसभा में आयकर विधेयक 2025 पर रिपोर्ट होगी पेश


संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने वाला है। सरकार का पूरा ध्यान आयकर विधेयक 2025 पर है, जिसे 13 फरवरी को बजट सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया गया था। संसद की मंजूरी मिलने पर यह छह दशक पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा। आयकर विधेयक को संसद की प्रवर समिति ने संशोधनों के साथ स्वीकार कर लिया है और इसकी समीक्षा रिपोर्ट आज लोकसभा में पेश की जाएगी। बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय प्रवर समिति को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नए आयकर विधेयक, 2025 की समीक्षा के लिए नियुक्त किया था। समिति ने 285 सुझाव दिए हैं और 16 जुलाई को हुई अपनी बैठक में नए आयकर विधेयक, 2025 पर रिपोर्ट को अपनाया।

सरलीकृत आयकर विधेयक आकार के लिहाज से 1961 के आयकर अधिनियम का करीब आधा है, मुकदमेबाजी और नई व्याख्या के दायरे को कम करके कर निश्चितता प्राप्त करने का प्रयास करता है। लोकसभा में पेश नए विधेयक में कुल शब्दों की संख्या घटकर 2.6 लाख रह गई है, जो मौजूदा आयकर अधिनियम के 5.12 लाख शब्दों की तुलना में काफी कम है। इसमें धाराओं की संख्या 536 है, जबकि मौजूदा कानून में 819 धाराएं प्रभावी हैं।

आयकर विभाग की तरफ से जारी एफएक्यू के मुताबिक, इसमें अध्यायों की संख्या 47 से घटाकर 23 कर दी गई है। आयकर विधेयक-2025 में 57 तालिकाएं हैं, जबकि मौजूदा अधिनियम में 18 थीं। इसमें 1,200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हटा दिए गए हैं। छूट और टीडीएस/टीसीएस से संबंधित प्रावधानों को सारणीबद्ध प्रारूप में रखकर विधेयक में और अधिक स्पष्ट किया गया है, जबकि गैर-लाभकारी संगठनों के लिए अध्याय को सरल भाषा के प्रयोग के साथ व्यापक बनाया गया है। इसके चलते शब्दों की संख्या में 34,547 की कमी आई है। करदाताओं के हित में एक कदम उठाते हुए नया विधेयक आयकर अधिनियम, 1961 में उल्लिखित पिछले वर्ष शब्द के स्थान पर कर वर्ष शब्द का प्रयोग करता है। साथ ही, कर आकलन वर्ष की अवधारणा को भी समाप्त कर दिया गया है। 

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